मां शैलपुत्री की पूजा, जानें पूजन विधि, देवी के मंत्र.
पर्वतराज हिमालय के घर में ये पुत्री रूप में जन्मी थीं. इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. मां के इस रूप में दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प है.
मां के इस स्वरूप को सौभाग्य और शांति का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री की विधि पूर्वक पूजा करने से मन कभी अशांत नहीं रहता और घर में सौभाग्य का आगमन होता है.
देवी शैलपुत्री पूजन विधि
मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें. माता के मंत्रों का जप करें. घी से दीपक जलाएं. मां की आरती करें. शंखनाद करें. घंटी बजाएं. मां को प्रसाद अर्पित करें.
मां शैलपुत्री के मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
ह्रीं शिवायै नम:.
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् .
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्.
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्.
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन.
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥