17 वीं शताब्दी से पहले इस धरती पर डोडो नाम के पक्षी रहा करते थे. मगर इंसानों के कारण वो धरती से बिलुप्त हो चुके हैं.
परंतु DW कि रिर्पाट के मुताबिक कोलोसल बायोसाइंसेज (Colossal Biosciences) नाम की एक कंपनी जीन तकनीक पर काम करती दावा किया हैं.
वो धरती पर फिर से डोलो पक्षी को ज़िंदा कर सकते हैं.
डोडो पक्षी 17 वीं सदी तक दुनिया में मौजूद था. यह धरती पर रहने वाला पक्षी था. उड़ नहीं सकता था. आकार में ये टर्की की तरह था. जानकारी के मुताबिक, 1681 में डोलो पक्षी का आखिरी शिकार मॉरिशस देश में किया गया था.
कोलोसल बायोसाइंसेज (Colossal Biosciences) अमेरिका की एक स्टार्टअप कंपनी है. जो कई क्षेत्रों में मौजूद है. इसका काम वैज्ञानिक खोज करना है.
कंपनी के सीईओ और संस्थापक बेन लैम का कहना है कि वो डोलो पक्षी को ज़िंदा करना चाह रहे हैं. इस पर उनकी कंपनी काम कर रही है. उनका मानना है कि इंसानों के कारण डोडो पक्षी खत्म हुए हैं. कंपनी के सीईओ का मानना है कि वो और उनकी टीम इस दिशा में काम कर रहे हैं.
इस खबर के बाद लोगों को इस विशालकाय पक्षी के बारे में उत्सुकता बढ़ी है.
कोलोसल की वैज्ञानिक सलाहकार टीम में शामिल एक मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट बेथ शापिरो कहती हैं कि डोडो का सबसे नजदीकी रिश्तेदार निकोबारी कबूतर है. बायोलॉजिस्ट बेथ शापिरो का मानना है कि कबूतर की जीन्स में बदलाव करके डोडो का ज़िंदा किया जा सकता है.