ताज महल ( Taj Mahal ) दुनिया कि सबसे लोकप्रिय ताजमहल अतुलनीय धरोहर

ताजमहल (Taj Mahal)

दुनिया भर मे मशहुर हैं ताजमहल देश - विदेश से लोक इसे देखने आते हैं । प्यार कि निशानी भी कहाँ जाता हैं । दुनिया के सबसे प्रसिद्द अजूबों मे प्रथम पर हैं ।

!! इतिहास !!

भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व धरोहर मक़बरा है। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट
शाहजहाँ ने, अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था।

जैसे ही कोई ताजमहल के द्वार से प्रविष्ट होता है, सुलेख है

“ हे आत्मा ! तू ईश्वर के पास विश्राम कर। ईश्वर के पास शांति के साथ रहे तथा उसकी परम शांति तुझ पर बरसे। „


!! कैसे बना ताजमहल !!

ताज महल बनाने के लिए बगदाद से एक कारीगर बुलवाया गया जो पत्थर पर घुमावदार अक्षरों को तराश सकता था। इसी तरह बुखारा शहर, जो मध्य एशिया में स्थित हैं, वहां से जिस कारीगर को बुलवाया गया वह संगमरमर के पत्थर पर फूलों को तराशने में दक्ष था। विराट कद के गुंबदों का निर्माण करने के लिए तुर्की के इस्तम्बुल में रहने वाले दक्ष कारीगर बुलाया गया तथा मिनारों का निर्माण करने के लिए समरकंद से दक्ष कारीगर को बुलवाया गया।

इस प्रकार ताजमहल के निर्माण से पूर्व छ: महीनों में कुशल कारीगरों को तराश कर उनमें से 37 दक्ष कारीगर इकट्ठे किए गए, जिनके देखरेख में बीस हजार मजदूरों के साथ कार्य किया गया। इसी प्रकार ताज निर्माण में लगाई गई सामग्री संगमरमर पत्थर राजस्थान के मकराणा से, अन्य कई प्रकार के कीमती पत्थर एवं रत्न बगदाद, अफगानिस्तान, तिब्बत, इजिप्त, रूस, ईरान आदि कई देशों से इकट्ठा कर उन्हें भारी कीमतों पर खरीद कर ताजमहल का निर्माण करवाया गया।


!! मनमोहक द्श्य !!

यमुना नदी के किनारे सफेद पत्थरों से निर्मित अलौकिक सुंदरता की तस्वीर 'ताजमहल' न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। प्यार की इस निशानी को देखने के लिए दूर देशों से हजारों सैलानी यहां आते हैं। दूधिया चांदनी में नहा रहे ताजमहल की खूबसूरती को निहारने के बाद आप कितनी भी उपमाएं दें, वह सारी फीकी लगती हैं।


!! कुछ रोचक तथ्य !!


ताजमहल को शांहजहां ने बनवाया था, इस बात का कोई सबूत मौजूद नहीं है।

ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू होकर 1653 तक चला। इस तरह ताज महल बनने में 22 साल लगे। भारत के इलावा फारस और तुर्की के मज़दूर भी थे।

Taj Mahal के हर नीव वाले कोने में एक-एक मीनार है। यह चारों मीनारे मक़बरे को संतुलन देती हैं।

 यह चारों मीनारे 41.6 मीटर ऊँची हैं और इन्हें बाहर की ओर हल्का सा झुकाव दिया गया है ताकि यह मीनारें भुकंप जैसी आपदा में मक़बरे पर न गिरकर बाहर की ओर गिरें।

दूसरे विक्ष्व युद्ध, 1971 के भारत-पाक युद्ध और 9/11 के बाद ताज महल की सुरक्षा के लिए इसके गुंबद के चारों ओर बांस का सुरक्षा घेरा बनाकर इसे हरे रंग की चादर के साथ ढ़क दिया गया था ताकि यह दुश्मनों की नजरों से बचा रहे।
ताज के नीचे का डिज़ाइन

ताजमहल यमुना नदी के किनारे बना हुआ है। ताजमहल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसे मजबुत बनाए रखने के लिए नमी की आवश्यकता होती है। इस नमी को पास में बहने वाली यमुना नदी ही बनाए रखती है।

Taj Mahal को 28 तरह के कीमती पत्थरों से सजाया गया था जो कई देशों से लाए गए थे। इन वेश-कीमती पत्थरों को अंग्रेजों ने निकाल लिया था।

जब ताजमहल बनाया गया था तो इस पर लगभग 3 करोड़ रूपए खर्च हुए थे। उस समय के तीन करोड़ आज के 63 अरब 77 करोड़ के बराबर हैं।

ताज के फव्वारे ताजमहल को जाने वाले मुख्य मार्गों के बीच जो फव्वारे लगे है वह किसी पाइप से नही जुड़े हुए अपितु हर फव्वारे के नीचे तांबे का एक टैंक है। यह सभी टैंक एक ही समय पर भरते है और दबाब बनने पर एक साथ ही पानी छोड़ते हैं।

ताजमहल को देखने हर साल 40 लाख लोग आते हैं। इस में से 70 फीसदी ही भारतीय होते हैं।

उजाले कि तरफ

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